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संक्षिप्त पद्मपुराण मुफ्त हिंदी पीडीएफ पुस्तक | Sankshipt Padmapuran Free Hindi PDF Book

संक्षिप्त पद्मपुराण मुफ्त हिंदी पीडीएफ पुस्तक | Sankshipt Padmapuran Free Hindi PDF Book  ( Download Link Given Below / डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया हैं ) पुस्तक का नाम / Name of Book :  संक्षिप्त पद्मपुराण /  Sankshipt Padmapuran पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी   / Hindi पुस्तक का आकर / Size of Ebook : 72  MB कुल पन्ने / Total pages in ebook :  1001 पुस्तक डाउनलोड स्थिति / Ebook Downloading Status  : Best  (Report this in comment if you are facing any issue in downloading / कृपया कमेंट के माध्यम से हमें पुस्तक के डाउनलोड ना होने की स्थिति से अवगत कराते रहें ) पुस्तक का विवरण :  जो चन्द्रमा के समान उज्जवल और स्वच्छ है, जिसमें हठी की सूंड के समान आकार वाले नाकों के इधर-उधर वेगपूर्ण चलने फिरने से फेन पैदा होता रहता है, ब्रम्हाजी के प्रादुर्भाव की कथा- वार्ता में लगे हुए व्रत-नियम-परायण श्रेष्ठ ब्राह्मण जिसका सेवन करते हैं, ॐकार-जप से विभूषित त्रिभुवनगुरु ब्रह्माजी ने जिसे अपनी दृष्टि से पवित्र किया है, जो पानी में स्वादिष्ट है और अपनी विशालता के कारण रमणीय जान पड़ता है, वह पुष्कर

जैसे ओस कहानी : सुरेश कुमार द्वारा मुफ्त हिंदी कविता पीडीएफ पुस्तक | Jaise Os Kahani : by Suresh Kumar Free Hindi Poem PDF Book

जैसे ओस कहानी : सुरेश कुमार द्वारा मुफ्त हिंदी कविता पीडीएफ  पुस्तक | Jaise Os Kahani : by Suresh Kumar Free Hindi Poem PDF Book 

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Jaise-Os-Kahani-Suresh-Kumar-जैसे-ओस-कहानी-सुरेश-कुमार


पुस्तक का नाम / Name of Book : जैसे ओस कहानी / Jaise Os Kahani


पुस्तक के लेखक / Author of Book : सुरेश कुमार / Suresh Kumar


पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी / Hindi


पुस्तक का आकर / Size of Ebook : 1 MB


कुल पन्ने / Total pages in ebook : 62


पुस्तक डाउनलोड स्थिति / Ebook Downloading Status  : Best 

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पुस्तक का विवरण : सत्रहवीं शताब्दी में जापान में अविष्कृत हाइकु एक महत्वपूर्ण काव्य विधा के रूप में मान्यता प्राप्त है| संसार जी प्राय सभी भाषाओँ में हाइकु लिखे गये हैं और लिखे जा रहे हैं| हिंदी में भी अनेक कवियों ने हाइकु रचनाएँ प्रस्तुत की हैं| लेकिन हिंदी में इस विधा को अपेक्षित लोकप्रियता प्राप्त नहीं हो सकी| पांच, सात और पांच अक्षरों के क्रम से तीन पंक्तियों वाली सत्रह अक्षरी हाइकु रचना अपेक्षाकृत अधिक मानसिक श्रम और कुशलता की माँग करती है| आवश्यक रचना विधान का निर्वाह करते हुए किसी भाव या विचार को अभिव्यक्ति देना और प्रयुक्त शब्दों की आतंरिक लयबद्धता के साथ-साथ उसमें एक संगीतात्मक प्रभाव पैदा करना, जो कि किसी भी श्रेष्ठ कविता का एक प्रमुख गुण है कवि के काव्य कौशल पर निर्भर करता है| छन्द का अनुशासन तोड़ने वाले कुछ नये कवियों ने हाइकु के अनुशासन का निर्वाह करने की कोशिश तो की लेकिन अनेक द्रष्टियों से उन्हें यह क्षेत्र संभवतः हिंदी और संस्कृत के परंपरागत छन्दों से भी अधिक दुसाध्य प्रतीत हुआ यध्यपि कुछ अच्छी रचनाएँ भी सामने आईं..............


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Description about eBook : An important discovery in Japan in the seventeenth century haiku poetry is recognized as the mode. Yes,Haiku is written in almost all world languages, and writing. The compositions of Haiku are introduced in Hindi by many poets. But the expected popularity could not find this mode in Hindi. Five, seven and five syllables in order to compose haiku three rows and seven letter calls for a more mental labor and skills. Formation required to fulfill the legislation and the words used to express a feeling or idea as well as the internal rhythms to create a musical effect, A key attribute of any great poem is the poet's poetry depends on the skill. Breach of discipline of some new verse haiku poets tried to discipline discharging, But many point of view Hindi and Sanskrit from the region possibly even more arduous traditional Rhymes appeared however there were also some good works....................


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One Quotation / एक उद्धरण

“बीस साल की उम्र में इंसान अपनी मर्ज़ी से चलता है, तीस में बुद्धि से और चालीस में विवेक से।”
बेंजामिन फ्रैंकलिन

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“At twenty years of age the will reigns; at thirty, the wit; and at forty, the judgment.” 
Benjamin Franklin






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